शाण्डिल्य भक्ति सूत्र-Sandilya Bhakti Sutra-OSHO Explained
03:46
0
भक्ति जीवन का परम स्वीकार है। इसलिए शुभ ही है कि शांडिल्य अपने इस अपूर्व सूत्र—ग्रंथ का उदघाटन ओम से करते हैं। ठीक ही है, क्योंकि भक्ति जीवन में संगीत पैदा करने की विधि है। जिस दिन तुम संगीतपूर्ण हो जाओगे; जिस दिन तुम्हारे भीतर एक भी स्वर ऐसा न रहेगा जो व्याघात उत्पन्न करता है; जिस दिन तुम बेसुरे न रहोगे, उसी दिन प्रभु मिलन हो गया।